आख़िर चुनाव के परिणाम आ ही गए। कोई जीत गया तो कोई हार गया। चुनाव में ऐसा होता ही है। लेकिन जबलपुर के परिणामों में कुछ विशेषता है। यहाँ जो भी हुआ प्रदेश से हटकर हुआ, भाजपा ने 7 तो कांग्रेस ने मात्र 1 सीट जीती।
बस अड्डे पर मिला-जुला माहौल
रात को बस अड्डे पर मिलने वाले पत्रकार आज दिन में ही मिल लिए। कुछ खुशी थी तो कुछ गम भी था। बस अड्डे के साथियों में लखन भाई और शरद जी जीत गए, संजू भाई भी जीते और इनकी जीत की खुशी तो सभी को थी पर तरुण की हार का गम भी था। अब शरद और कदीर में तो एक को ही जीतना था, इस कारण शरदजी की जीत को सभी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया पर तरुण की हार से सभी दुखी हैं.
फ़िर ना हो ऐसी होली
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होली ने इस बार ऐसा गजब ढाया कि लगा जबलपुर फ़िर से संस्कारधानी से अपराधधानी
बन गया है। शहर की ऐसी कोई गली नहीं थी जहाँ चाकू-तलवारें ना चली हों। शराब की
दुकान...
16 years ago