Tuesday, January 27, 2009

बहुत दिनों के बाद

ब्लॉग पर लिखना काफी आसान है लेकिन लिख पाना बहुत कठिन, यह अनुभव तब हुआ जब व्यस्तता के कारण काफी दिनों तक कुछ लिख नहीं पाया। इस बीच मेरा ब्लॉग नियमित तौर पर पढ़ने वाले मेरे दोस्तों ने मुझसे सवाल भी किया कि क्या बात है कुछ लिख नहीं रहे हो? मैंने व्यस्तता कि बात कह दी। फ़िर मैंने सोचा कि ब्लॉग पर लिखना बंद नहीं करना चाहिए, चाहे कितनी भी व्यस्तता हो, लेकिन लिख नहीं पाया। आज एक साथ कई दोस्तों ने टोक दिया तब मैंने ब्लॉग खोला और लिख्नना शुरू किया, कई बार विघ्न आए पर लिखना जारी रखा, अंततः लिख डाला। बहुत दिनों से मैं कुछ कहना चाह रहा था, शायद आज सही वक्त आ गया है। भले ही ब्लॉग कोई पढ़े या न पढ़े लेकिन ब्लॉग लिखने से स्वान्तः सुखाय का सुख तो मिलता ही है। इसलिए मेरा सभी दोस्तों से आग्रह है कि ब्लोगिंग शुरू कर दे अभी से ही.