मेरा यह ब्लॉग दोस्तों को समर्पित है, इसी उद्देश्य से इसकी रचना की गई थी, यह बात और है कि इस पर दोस्तों के उतने कमेन्ट नहीं मिले जितने कि अपेक्षा की गई थी। फिर भी जो दोस्त इसे पढ़ते हैं उनसे आग्रह है कि अपने कमेन्ट भी दिया करें।
मेरे कई दोस्त ऐसे हैं जिनका शौक खतरों से खेलना है। कुछ ऐसे है जो न चाहते हुए भी खतरों से खेल रहें है क्योंकि उनकी मजबूरी है। दोनों ही तरह के दोस्तों से मेरा आग्रह है कि सतर्क हो जायें क्योंकि आजकल खतरा कुछ ज्यादा बढ़ गया है। एक ओर आतंकियों कि नजर इस देश को लग गई है तो दूसरी ओर गद्दार सक्रिय है। इन सबके साथ उस क्वालिटी के दोस्त भी सक्रिय है जिनके रहते दुश्मनों की जरुरत नहीं पड़ती, फ़िर ठण्ड तो है ही।
Thursday, December 4, 2008
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1 comment:
मनीष,
यह सही बात है कि आज ऐसे दोस्त ज्यादा हैं जो दिखाने के लिए आप के साथ तो रहते हैं, लेकिन पीठ पीछे आप की आलोचना करते हैं और हंसी उड़ाते हैं। ऐसे लोग आपके सच्चे दोस्त नहीं हैं। सच्चे दोस्त वे होते हैं, जो आपके सामने आपकी कमियां बताएं और गलत-सही के बारे अगाह करें।
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